शुक्रवार, 3 जून 2011

गजल

हमर अरमान जरि गेल आय कोहबर घर में
हमर मुसकान मरि गेल आय कोहबर घर में

जे फुलवारी हम सजेने रही आय बीस बरख सों

तकर सब फुल झरि गेल आय कोहबर घर में

कहलक रहे बरसाइतक भार हमहीं आनब

बाटे तकैत थकि गेल आँखि आय कोहबर घर में

मधुश्रावणीक सब अरहुल निरमाल ये बनल
टेमी के सब फोंका सुखि गेल आय कोहबर घर में

समदिया के आनल पढ्लों जे विदागरी के समाद
बहुत दिनक बाद कानलों आय कोहबर घर में

4 टिप्‍पणियां:

  1. सुनील जी ये ''कोहबर ''क्या होता है क्या batayenge ?.

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  2. कोहबर का मतलब वह एकान्त शयन
    कक्ष होता हैं जो नव वर -वधु को शादी के बाद
    अमूमन चार दिनों के लिए दिया जाता हैं

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  3. अर्थ बताने के लिए धन्यवाद् आशीष जी
    ग़ज़ल वाकई सुन्दर बन पड़ी है.बधाई.

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  4. शालिनी जी को धन्यवाद संगे आशीष जी के सेहो धन्यवाद जे कोहबर घर के एतेक सुन्दर अर्थ बतेलक

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों