बुधवार, 1 जून 2011

 गजल

इजोत लेल अन्हेर नगरी जाइत लोक
सपना मे सपनाक भात खाइत लोक

खेत आब पटाओल जाइछ शोणित सँ
पानि महँक तेल जकाँ छताइत लोक

जकरा जतेक भेटैक सएह बड़ अगत्ती
खएलाक पछातिओ गुंगुआइत लोक

छोड़लकै डनियाँ तेहन ने अगिनबान
मोने मे पजरि मोने मे पझाइत लोक

बसातक कमी भए गेलैक गामो मे
आँक्सीजनक बोतल मे औनाइत लोक

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों