शनिवार, 4 अक्तूबर 2014

गजल

अहाँ गोर हम कारी छी
मुदा एक टा प्राणी छी

सजत रूप नै हमरा बिनु
अहाँ देह हम सारी छी

रहब नै अलग कखनो जुनि
अहाँ ठोर हम लाली छी

चलत साँस नै एको छन
अहाँ माँछ हम पानी छी

कहू आर की यौ कुन्दन
अहाँ फूल हम माली छी

मात्राक्रम : 1221-2222

© कुन्दन कुमार कर्ण

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों