गजल-2.40
हमरा घुटि घुटि कऽ मरनाइ सिखा दिअ
बस हमरा प्रेम करनाइ सिखा दिअ
काजक बोझसँ उदासी बढ़ि रहलै
हँसि हँसि जिनगी सुधरनाइ सिखा दिअ
मोनक अन्हार मेटायब कठिन नै
ज्ञानक बाती लऽ जरनाइ सिखा दिअ
ताकत लिअ अपन अधिकारक खातिर
सब विघ्नसँ आब लड़नाइ सिखा दिअ
जा धरि चलतै अपन अभिनय ता धरि
दुख तजि सुख सबसँ हरनाइ सिखा दिअ
2222-1221-122
हमरा घुटि घुटि कऽ मरनाइ सिखा दिअ
बस हमरा प्रेम करनाइ सिखा दिअ
काजक बोझसँ उदासी बढ़ि रहलै
हँसि हँसि जिनगी सुधरनाइ सिखा दिअ
मोनक अन्हार मेटायब कठिन नै
ज्ञानक बाती लऽ जरनाइ सिखा दिअ
ताकत लिअ अपन अधिकारक खातिर
सब विघ्नसँ आब लड़नाइ सिखा दिअ
जा धरि चलतै अपन अभिनय ता धरि
दुख तजि सुख सबसँ हरनाइ सिखा दिअ
2222-1221-122
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