मंगलवार, 28 अक्तूबर 2014

गजल

भक्ति गजल

बितलै खरना एलै साँझक बेरा उठलै ढ़ाकी गे
माथे सोभै सूपक संगे सुंदर पथिया मौनी गे

पबनैतिन सभ चलली घाटक दिस नहुँ नहुँ सम्हर सम्हरि
साँझक बेरा झलफल कनकन हहरै सभहँक छाती गे

हाथे हाथ सजल अरघक नरियर तैपर राखल दीपो
घाटे घाट सजल केरा भुसबा संगे तरकारी गे

कोशी साजल हाथी मातल छै तैपर ठकुआ राखल
सभ घूमै चारू दिस गीतो गाबथि बहिना काकी गे

भेलै भिनसरबा सिहकै पछबा बड़ सोचथि पबनैतिन
नै देलथि दरशनमा राना मैया हम बड़ पापी गे

आबो तँ उगह हो आदित भेलै बड़ देर अबेर कुबेर
नाम उचारथि अरघी हाथ अरघ लेने सभ साँती गे

करिते गोहारि किरिन फुटलै उठलै लाली पुरुबक दिस
माँगै पबनैतिन सुख नैहर सासुर बेटा बेटी गे

भेलै परना गेलै सभ घाटो लागै सून उदासल
घाटक दूभि कहै अबिअह परुकाँ रहतौ खुशहाली गे

सभ पाँतिमे 222+222+222+222+222 अछि
दूटा अलग-अलग लघुकेँ एकटा दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।
छठम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु फाजिल लेबाक छूट लेल गेल अछि।
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों