ब्रम्हसँ बेसी छागर उताहुल
हाथसँ बेसी आँचर उताहुल
मोन बहकि गेलै कोहबरमे
ठोरसँ बेसी आखर उताहुल
प्रेम मिलनमे नै छोट नमहर
धारसँ बेसी सागर उताहुल
घोघ कहैए एना सजू जे
दोगसँ बेसी बाहर उताहुल
रूप हुनक अनचिन्हारे सनकेँ
आँखिसँ बेसी काजर उताहुल
सभपाँतिमे 21+1222+2122 मात्राक्रम अछि।
मक्तामे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।
सुझाव सादर आमंत्रित अछि
"ब्रम्हसँ बेसी छागर उताहुल" ई एकटा मैथिली लोकोक्ति अछि।
हाथसँ बेसी आँचर उताहुल
मोन बहकि गेलै कोहबरमे
ठोरसँ बेसी आखर उताहुल
प्रेम मिलनमे नै छोट नमहर
धारसँ बेसी सागर उताहुल
घोघ कहैए एना सजू जे
दोगसँ बेसी बाहर उताहुल
रूप हुनक अनचिन्हारे सनकेँ
आँखिसँ बेसी काजर उताहुल
सभपाँतिमे 21+1222+2122 मात्राक्रम अछि।
मक्तामे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।
सुझाव सादर आमंत्रित अछि
"ब्रम्हसँ बेसी छागर उताहुल" ई एकटा मैथिली लोकोक्ति अछि।
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