रविवार, 5 अक्तूबर 2014

गजल

गजल-2.30

जतेक छल भाव हमरा लग आइ पसारि देने छी
अपन करेजासँ जनमल सब परत उघारि देने छी

गलत-सही केर झगड़ा सब ठाम पड़ल अधूरे अछि
जतेक छल फूसि लफड़ा सब आगि पजारि देने छी

खुशीक मैडल सिनेहक ओलम्पिकमे कमे भेटय
इएह कारण अपन नस-नस दुखसँ गछारि देने छी

हमर लिखल गीत हमरे काटैत रहैत अछि मीता
अपनहि घरमे अपन जीवनकेँ दुतकारि देने छी

अहाँक नैनक नशा बड बेहोश कऽ राखि देने अछि
अहाँ तँ पाथर हियाकेँ पलमे चुचकारि देने छी

1212-2122-2211-2122-2

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों