मोन एखनो पारै छी अहीँकेँ
बाट एखनो ताकै छी अहीँकेँ
भावमे बहकि हम संगी सभक लग
बात एखनो बाजै छी अहीँकेँ
आब नै रहल कोनो हक अहाँपर
जानितो गजल गाबै छी अहीँकेँ
दीप जे जरा गेलहुँ नेहकेँ से
नित इयादमे बारै छी अहीँकेँ
प्रेम भेल नै कहियो बूढ कुन्दन
साँस साँसमे चाहै छी अहीँकेँ
मात्राक्रम : 212-1222-2122
© कुन्दन कुमार कर्ण
बाट एखनो ताकै छी अहीँकेँ
भावमे बहकि हम संगी सभक लग
बात एखनो बाजै छी अहीँकेँ
आब नै रहल कोनो हक अहाँपर
जानितो गजल गाबै छी अहीँकेँ
दीप जे जरा गेलहुँ नेहकेँ से
नित इयादमे बारै छी अहीँकेँ
प्रेम भेल नै कहियो बूढ कुन्दन
साँस साँसमे चाहै छी अहीँकेँ
मात्राक्रम : 212-1222-2122
© कुन्दन कुमार कर्ण
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