बुधवार, 8 अक्तूबर 2014

गजल

मोन एखनो पारै छी अहीँकेँ
बाट एखनो ताकै छी अहीँकेँ

भावमे बहकि हम संगी सभक लग
बात एखनो बाजै छी अहीँकेँ

आब नै रहल कोनो हक अहाँपर
जानितो गजल गाबै छी अहीँकेँ


दीप जे जरा गेलहुँ नेहकेँ से
नित इयादमे बारै छी अहीँकेँ

प्रेम भेल नै कहियो बूढ कुन्दन
साँस साँसमे चाहै छी अहीँकेँ

मात्राक्रम : 212-1222-2122

© कुन्दन कुमार कर्ण

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों