बड़का बड़का दाबी छै
हम पंडित ओ पापी छै
हपसै सभ निकगर भोजन
हमरे लागल जाबी छै
हम्मर नूआ सस्ता सन
हुनकर नूआ दामी छै
खुलबे करतै ताला ई
हमरा लग ओ चाभी छै
अन्हारक संगे डिबिया
असगर बैसल बाती छै
सभ पाँतिमे 222+222+2 मात्राक्रम अछि।
सुझाव सादर आमंत्रित अछि
हम पंडित ओ पापी छै
हपसै सभ निकगर भोजन
हमरे लागल जाबी छै
हम्मर नूआ सस्ता सन
हुनकर नूआ दामी छै
खुलबे करतै ताला ई
हमरा लग ओ चाभी छै
अन्हारक संगे डिबिया
असगर बैसल बाती छै
सभ पाँतिमे 222+222+2 मात्राक्रम अछि।
सुझाव सादर आमंत्रित अछि
वाह बहुत सुंदर और मन को छूती गजल ---
जवाब देंहटाएंसादर
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