शनिवार, 30 अप्रैल 2011

रुबाइ




ओ मोन पड़ै छथि तँ निन्न ने अबैए
देह होइए सुन्न नीको ने लगैए
चाहै छी हम जे ओ हमरे लग रहथि
ओ तँ ओ हुनक इयादो ने अबैए

4 टिप्‍पणियां:

  1. aaj की काफी कठिन लगी है प्रस्तुति.आशीष जी मैं दोबारा आपके ब्लॉग पर आऊँगी आप यदि संभव हो तो इसका हिंदी अनुवाद भी लिख दें आभारी रहूंगी.

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  2. तुम्हारी याद आने से नींद भी नहीं आती हैं----कुछ भी अच्छा नही लगता,शरीर भी काम नही करती है------मैं चाहता हूँ की तुम मेरे पास रहो----- मगर तुम तो तुम तुम्हारी याद भी नहीं आती है।

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  3. बहुत बहुत धन्यवाद्.आपको कष्ट हुआ इस के लिए माफ़ी चाहती हूँ.

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  4. इसमें कष्ट की कोइ बात ही नहीं हैं, अगर आप मेरे भाषा से इतना लगाव रख सकती हैं, तो यह कष्ट उठाना मेरा फर्ज बनता हैं, केवल आपसे विनती यही हैं कि, आप के आस-पास भी यदि मैथिली जानने-समझने वाले हैं तो उन्हे भी यहाँ लायें।

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों