गुरुवार, 28 अप्रैल 2011

गजल

ककरा से कहब दुःख कहलेs नै जाय ये
मोने-मोन मरय छि कहलेs नै जाय ये

जूआन भेल बेटी गरीबक कपाड़ पे
दहेजक माँग ते कहलेs नै जाय ये

बेटीक बियाह में बिकल अंगा-नुआ

लड़का के सूट ते कहलेs नै जाय ये

झोपड़ी हमर बेची बनेलक ओ महल

अटारी के शान ते कहलेs नै जाय ये

बेचलों घोर-दालान, खेत आ पथारी

दहेज़क मुंह ते कहलेs नै जाय ये

तइयो जड़ल बेटी दहेजक आगि में

करेजक दरद ते कहलेs नै जाय ये

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों