एना जे धड़ के नेड़ा बैसल छी
जिनगीक अर्थ के हेड़ा बैसल छी
नहि होइन्ह अन्हार हुनक कोबर मे
तँए अपन करेज जरा बैसल छी
उराहल इनारक पानि सँ कब्ज होइए
गंगोजल के सड़ा बैसल छी
भेटबे करत केओ ने केओ कहिओ
एही उम्मेद पर अपना के जिया बैसल छी
करोट फेरब के परिवर्तन कहल जाइए
जखन की आत्मे के सुता बैसल छी
- मुखपृष्ठ
- अनचिन्हार आखरक परिचय
- गजल शास्त्र आलेख
- हिंदी फिल्मी गीतमे बहर
- भजनपर गजलक प्रभाव
- अन्य भारतीय भाषाक गजलमे बहर
- समीक्षा/आलोचना/समालोचना
- गजल सम्मान
- गजलकार परिचय शृखंला
- गजलसँ संबंधित आडियो/वीडियो
- विश्व गजलकार परिचय शृखंला
- छंद शास्त्र
- कापीराइट सूचना
- अपने एना अपने मूँह
- गजलक इस्कूल
- गजलकार
- अर्चा-चर्चा-परिचर्चा
- आन-लाइन मोशायरा
- आशीष अनचिन्हारक रचना संसार
- मैथिली गजलसँ संबंधित आन लिंक, पन्ना ओ सामग्री
- Maithili Ghazal Books Download
- शेर जे सभ दिन शेर रहतै
शनिवार, 16 अप्रैल 2011
गजल
खोजबीनक कूट-शब्द:
अनचिन्हार,
बिना छंद-बहरक
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें