बुधवार, 16 अप्रैल 2014

गजल



हम अहाँ झुट्ठे के मीता छी
बिख भरल उज्जर नवनीता छी

अछि अहाँ लग कैंची ओ नेता
हम अहीं सेवामे फीता छी

चाह नै जे ओहन सासुर हो
गर्भमे अँकुरल नव सीता छी

फूसि कहतै वा सच सभ सुनबै
कोर्टमे राखल हम गीता छी

मंच सापेक्षी चिन्नी बोरल
एकटा बस हमहीं तीता छी

सभ पाँतिमे 212+222+222 मात्राक्रम अछि।

सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों