गुरुवार, 17 अप्रैल 2014

गजल

तोरे नामे गमा देलहुँ जिनगी
आसामे तँ बिता देलहुँ जिनगी
हम तँ बेर-बेर हारि जाइत छलहुँ
हाथे पकड़ि तँ जिता देलहुँ जिनगी



गजल

चुप सन हुनकर ठोर आँखि लागैए
तैयो देहक भास किछु तँ बाजैए

एना हुनकर देह छूब' चाहै छी
जेना बच्चा आगि छूब' चाहैए

सारापर नोरक टघार छै जिनकर
मरलोमे हुनकर इयाद आबैए

पीयर हरियर नील लाल सभ
हुनके आँचर केर रंग लागैए

श्वासक डोरी टुटि खसत तकर बादे
सुनबै जे हरजाइ खूब कानैए

सभ पाँतिमे 22+2221+2122+2  मात्राक्रम अछि।

सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों