शुक्रवार, 18 अप्रैल 2014

गजल

ओ एलै बहार एलै
सुनि मोनक पुकार एलै

गेलै मोन भरि उमंगसँ
नेहक जे हँकार एलै

हुनकर आगमनसँ हियमे
प्रीतक रस अपार एलै

दुनियाँ नीक लाग लगलै
जिनगीकेँ किनार एलै

सपना भेल एक पूरा
सुखकेँ दिन हजार एलै

मात्राक्रम: 2221-2122

© कुन्दन कुमार कर्ण

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों