शनिवार, 5 अप्रैल 2014

गजल

बाल गजल

खिचड़ी भेटल गरम गरम
चोखा लागै लरम लरम

पापड़ घी ओ अचार सभ
हमरा मोनक भरम भरम

भोजन बादें भजन हवन
पेटक पूजा धरम धरम

चाहे जेहन लगै रहै
खेबामे नै शरम तरम

खेलहुँ खिचड़ी चमकि छमकि
भेटल मुख सुख परम परम


सभ पाँतिमे 22+22+12+12 मात्राक्रम अछि।

सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों