बाल गजल
खिचड़ी भेटल गरम गरम
चोखा लागै लरम लरम
पापड़ घी ओ अचार सभ
हमरा मोनक भरम भरम
भोजन बादें भजन हवन
पेटक पूजा धरम धरम
चाहे जेहन लगै रहै
खेबामे नै शरम तरम
खेलहुँ खिचड़ी चमकि छमकि
भेटल मुख सुख परम परम
सभ पाँतिमे 22+22+12+12 मात्राक्रम
अछि।
सुझाव सादर आमंत्रित अछि
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