बादलमे नुका जाइ छैक चान किए
अप्पन एतऽ बनि जाइ छैक आन किए
करबै नेह जे केकरो अपार हियसँ
तकरो बाद घटि जाइ छैक मान किए
राखब बात जे दाबि मोनकेँ कहुना
सभकेँ लागिये जाइ छैक भान किए
चाहब जे रही खुश सदति हँसैत मुदा
ई फुसि केर बनि जाइ छैक शान किए
कुन्दन कल्पनामे गजल कहैत चलल
सभ बुझि लेलकै प्रीत केर गान किए
मात्राक्रम: 2221-2212-12112
© कुन्दन कुमार कर्ण
अप्पन एतऽ बनि जाइ छैक आन किए
करबै नेह जे केकरो अपार हियसँ
तकरो बाद घटि जाइ छैक मान किए
राखब बात जे दाबि मोनकेँ कहुना
सभकेँ लागिये जाइ छैक भान किए
चाहब जे रही खुश सदति हँसैत मुदा
ई फुसि केर बनि जाइ छैक शान किए
कुन्दन कल्पनामे गजल कहैत चलल
सभ बुझि लेलकै प्रीत केर गान किए
मात्राक्रम: 2221-2212-12112
© कुन्दन कुमार कर्ण
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें