शुक्रवार, 4 अप्रैल 2014

गजल

बाल गजल

नानी मौसी मामा दे
कक्का काकी बाबा दे

हमरो चाही किछु ने किछु
काशी मथुरा काबा दे

पिज्जा बर्गर चारि दिनक
मुरही भुज्जा लाबा दे

हमहूँ बनबै सोना सन
चुल्हा भट्ठी आबा दे

बरखा बुन्नी अपने छै
घैला चुकरी डाबा दे

सभ पाँतिमे 22+22+22+2 मात्राक्रम अछि।
तेसर शेरक पहिल पाँतिमे दूटा अलग लघुकेँ एकटा दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।


सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों