खोडब यदि हमर करेज अहां
राखि सकब नै परहेज अहां
बिख अमृत के अवलोकन मे
नोरे लेबैक सहेज अहां
२२२ २११२ ११२
राखि सकब नै परहेज अहां
बिख अमृत के अवलोकन मे
नोरे लेबैक सहेज अहां
२२२ २११२ ११२
हम बाटक अनजान पथिक छी
सत नेहक सदिकाल रसिक छी
जे भेटल से मानि चलल सदिखन
नै खोहिस सरकार अधिक छी
नै हाकिम नै लाट गवर्नर धरि
अपना मोनक ख़ास श्रमिक छी
जे देखल से भाखि चलल सगरो
औ बाबू ऐ मे लाज कथिक छी
बुझि राखल राजीव त' जिनगी ई
क्षणभंगुर आ चारि घऱिक छी