गजल
नव किछु कहू घटल की कहए छी
ताहूमँहक असल की कहए छी
ताहूमँहक असल की कहए छी
मिठगर करू कनी बोल अपन किछु
सदिखन वचन तनल की कहए छी
सदिखन वचन तनल की कहए छी
आँहाँ विचारमे सभ त' कठिनगर
फरिछा कहू सरल की कहए छी
फरिछा कहू सरल की कहए छी
आंगुरसँ गाइन पुराओल बहरमे
ई शेर आ गजल की कहए छी
ई शेर आ गजल की कहए छी
खहियारि गप्प राजीव कहब जे
बाजू खखसि दबल की कहए छी
बाजू खखसि दबल की कहए छी
२२१२ १२२ ११२२
@ राजीव रंजन मिश्र
@ राजीव रंजन मिश्र
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