गजल-1.55
राति जेना जेना जुआन भेल गेलै
चान तेना तेना पुरान भेल गेलै
रोजगारक आटासँ जखन बनल रोटी
गाम घरमे तखनसँ लवाण भेल गेलै
रहब भारी छै इज्जनसँ अनोन जगमे
हम तँ रहलौ तैयो कटान भेल गेलै
मौलबी पण्डित राम आ खुदाक नामसँ
ठाढ़ सगरो लूटिक मचान भेल गेलै
भरल छल ताशक महलमे हवा सिनेहक
तें तँ सहि झन्झा बड गुमान भेल गेलै
रूप एहन ऐना लजा रहल मिलनपर
रातिरानी सेहो हरान भेल गेलै
घुरत घरमे नेनपन हँसत जखन नेना
आब "अमितक" घर नव विहान भेल गेलै
2122-2212-1-2122
अमित मिश्र
- मुखपृष्ठ
- अनचिन्हार आखरक परिचय
- गजल शास्त्र आलेख
- हिंदी फिल्मी गीतमे बहर
- भजनपर गजलक प्रभाव
- अन्य भारतीय भाषाक गजलमे बहर
- समीक्षा/आलोचना/समालोचना
- गजल सम्मान
- गजलकार परिचय शृखंला
- गजलसँ संबंधित आडियो/वीडियो
- विश्व गजलकार परिचय शृखंला
- छंद शास्त्र
- कापीराइट सूचना
- अपने एना अपने मूँह
- गजलक इस्कूल
- गजलकार
- अर्चा-चर्चा-परिचर्चा
- आन-लाइन मोशायरा
- आशीष अनचिन्हारक रचना संसार
- मैथिली गजलसँ संबंधित आन लिंक, पन्ना ओ सामग्री
- Maithili Ghazal Books Download
- शेर जे सभ दिन शेर रहतै
शनिवार, 16 मार्च 2013
गजल
खोजबीनक कूट-शब्द:
गजल,
amit mishra
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें