हे राम बसु मनमे हमर
ई प्राण धरि तनमे हमर
सदिखन अहीँक ध्यानमे
नै मन बसै धनमे हमर
प्रभु दरसकेँ आशासँ ई
भटकैट मन बनमे हमर
एतेक मन चंचल किए
प्रभु रहथि कण कणमे हमर
हे राम ‘मनु’पर करु दया
नै मन बहै छनमे हमर
(बहरे रजज, मात्रा क्रम २२१२-२२१२)
जगदानन्द झा ‘मनु’
ई प्राण धरि तनमे हमर
सदिखन अहीँक ध्यानमे
नै मन बसै धनमे हमर
प्रभु दरसकेँ आशासँ ई
भटकैट मन बनमे हमर
एतेक मन चंचल किए
प्रभु रहथि कण कणमे हमर
हे राम ‘मनु’पर करु दया
नै मन बहै छनमे हमर
(बहरे रजज, मात्रा क्रम २२१२-२२१२)
जगदानन्द झा ‘मनु’
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