गजल-1.64
दरद नुकाएब बहुत कठिन छै
नोर सुखाएब बहुत कठिन छै
खूब जलन जीवनमे हो मगर
आगि लगाएब बहुत कठिन छै
बदलल युगमे बदलल छै नजरि
लाज बचाएब बहुत कठिन छै
लोक सगर पूरि रहल छै मुदा
सपन पुराएब बहुत कठिन छै
आगि मिझाओत 'अमित' महलकेँ
द्वेष मिझाएब बहुत कठिन छै
2112-2112-212
अमित मिश्र
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रविवार, 30 जून 2013
गजल
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amit mishra
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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
Very good
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