शुक्रवार, 28 जून 2013

गजल

गजल-५२

मिथिलोमे रहल नै बास मैथिलीकें
टूटल जा रहल छै आश मैथिलीकें

कहियो मैथिली नै हिचकि-हिचकि कानल
देखू पलटि सभ इतिहास मैथिलीकें

चन्दा अमर यात्री सदति सभ शरणमे
विद्यापति सनक छल दास मैथिलीकें

सभके ठाम देलौं भेल मान सभके
भेटल अछि किए वनवास मैथिलीकें

बाजब-पढ़ब सदिखन मैथिली लिखब हम
जागत "नवल" पुनि विश्वास मैथिलीकें

>मात्रा क्रम : २२२१+२२२१+२१२२
(तिथि: ०५.०२.२०१३)
©पंकज चौधरी "नवलश्री"

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों