शुक्रवार, 28 जून 2013

बाल गजल

बाल गजल-२४

दू टा बस सोहारी चाही
माँ कम्मे तरकारी चाही

पुरना छिपलीमे नै खेबौ
हमरो नवका थारी चाही

हमहूँ जेबै इसकुल बाबू
पूरा सभ तैयारी चाही

हाटसँ आनू पोथी-बस्ता
मौजा-जूता कारी चाही

इसकूलक जलखैमे हलुआ
पूरी आ तरकारी चाही

छीटब बीया गाछो रोपब
आँगन लग फुलवारी चाही

"नवल"सँ नै हम लट्टू माँगब
हमरो कठही गाड़ी चाही

 >मात्रा क्रम : आठ टा दीर्घ सभ पांतिमे          
(तिथि-२२.०२.२०१३)
©पंकज चौधरी "नवलश्री"

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों