बाल गजल-२४
दू टा बस सोहारी चाही
माँ कम्मे तरकारी चाही
पुरना छिपलीमे नै खेबौ
हमरो नवका थारी चाही
हमहूँ जेबै इसकुल बाबू
पूरा सभ तैयारी चाही
हाटसँ आनू पोथी-बस्ता
मौजा-जूता कारी चाही
इसकूलक जलखैमे हलुआ
पूरी आ तरकारी चाही
छीटब बीया गाछो रोपब
आँगन लग फुलवारी चाही
"नवल"सँ नै हम लट्टू माँगब
हमरो कठही गाड़ी चाही
>मात्रा क्रम : आठ टा दीर्घ सभ पांतिमे
(तिथि-२२.०२.२०१३)
©पंकज चौधरी "नवलश्री"
दू टा बस सोहारी चाही
माँ कम्मे तरकारी चाही
पुरना छिपलीमे नै खेबौ
हमरो नवका थारी चाही
हमहूँ जेबै इसकुल बाबू
पूरा सभ तैयारी चाही
हाटसँ आनू पोथी-बस्ता
मौजा-जूता कारी चाही
इसकूलक जलखैमे हलुआ
पूरी आ तरकारी चाही
छीटब बीया गाछो रोपब
आँगन लग फुलवारी चाही
"नवल"सँ नै हम लट्टू माँगब
हमरो कठही गाड़ी चाही
>मात्रा क्रम : आठ टा दीर्घ सभ पांतिमे
(तिथि-२२.०२.२०१३)
©पंकज चौधरी "नवलश्री"
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