जड़ि फसादक बड़्ड़ हमहूँ रोपने छी
छी अहाँ खुश तेँ अपन मुँह फेरने छी
दोस्तकेँ दोस्ते ठकैए आइ सगरो
पीठमे भोँकैत छूरा देखने छी
भाइ माँ बाबूक आँखिक नोर बिसरि
सोन चानी की करब जे अरजने छी
संग खूनक जे खलेलक सगर होली
एहनोकेँ नै किए हम बारने छी
छै चुनावक हाल एहन देश भरिमे
‘मनु’ अखाड़ा राजनीतिक पकरने छी
(बहरे रमल, मात्रा क्रम – २१२२-२१२२-२१२२)
तेसर शेरमे मात्राक छूट लेल गेल अछि, बिसरि – बिसइर
जगदानन्द झा ‘मनु’
छी अहाँ खुश तेँ अपन मुँह फेरने छी
दोस्तकेँ दोस्ते ठकैए आइ सगरो
पीठमे भोँकैत छूरा देखने छी
भाइ माँ बाबूक आँखिक नोर बिसरि
सोन चानी की करब जे अरजने छी
संग खूनक जे खलेलक सगर होली
एहनोकेँ नै किए हम बारने छी
छै चुनावक हाल एहन देश भरिमे
‘मनु’ अखाड़ा राजनीतिक पकरने छी
(बहरे रमल, मात्रा क्रम – २१२२-२१२२-२१२२)
तेसर शेरमे मात्राक छूट लेल गेल अछि, बिसरि – बिसइर
जगदानन्द झा ‘मनु’
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