शनिवार, 15 मार्च 2014

गजल

रंगक फागुन नचलै आई  
फागक सरगम बजलै आई  

भांगक संगे मिटलै दूरी    
गलबहियाँ जे पडलै आई  

टोका चाली छल जे बारल
सा रा रा रा उडलै आई  

पुरना आमक गाछी देखू  
नवका टुकला फडलै आई

जखने भिजलै एके रंगे  
जातिक रंगो जरलै आई  

२२२२ २२२२


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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों