अपना से किया भागि रहल छी
भरि भरि राति जे जागि रहल छी
बदलू सोच आचार विचारो
पुरना मत किया तागि रहल छी
बदलल लोक आ युग बदलल .छै
बीतल बात के पागि रहल छी
छुटि जायब अहां एकसर कतौ
अपने प्राण जे दागि रहल छी
२२२१२ २११२ २
भरि भरि राति जे जागि रहल छी
बदलू सोच आचार विचारो
पुरना मत किया तागि रहल छी
बदलल लोक आ युग बदलल .छै
बीतल बात के पागि रहल छी
छुटि जायब अहां एकसर कतौ
अपने प्राण जे दागि रहल छी
२२२१२ २११२ २
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