गुरुवार, 13 मार्च 2014

गजल

प्रस्तुत अछि जगदीश चंद्र ठाकुर "अनिल"जीक ई गजल---



दूभि और धान छी अहाँ
पान आ मखान छी अहाँ

दौड़ि दौड़ि थाकि गेल छी
दूर आसमान छी अहाँ

बेर बेर गाबि देखलौं
वेद आ कुरान छी अहाँ

काँट भरल छैक बाटपर
फूलके समान छी अहाँ

मोन केर प्रश्न अछि कते
एकटा निदान छी अहाँ
मात्रा क्रम २१२१२१  २१२

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों