शुक्रवार, 8 जुलाई 2011

मास जून 2011क लेल गजल पुरस्कार योजनाक पहिल चरण

हमरा इ सूचित करैत बड्ड नीक लागि रहल अछि जे " अनचिन्हार आखर"द्वारा स्थापित पुरस्कार " गजल कमला-कोशी-बागमती-महानंदा" पुरस्कारक पहिल चरण ( मास जूनक लेल ) पूरा भए गेल अछि। मास जूनक लेल दीप नारायण "विद्यार्थी"क एहि रचना के चयन कएल गेलैन्हि अछि। हुनका बधाइ।

ग़ज़ल

घुस जाल-फरेब तिलक-दहेज़ उत्पिरण अत्याचार नहि बदलल

समूचा संसार बद्लिगेल आखिन धरि बिहार नहि बदलल



जाती-पांतिक भेद नहि बदलल समाजक आधार नहि बदलल
कोषिक धार बदलिगेल मित! जिवन धार नहि बदलल



महाभारत भेल"यातोधर्मस्तातो जय:"कहल जैत छै मुदा
छल-प्रपंच आ भाई-भाई मे वैमनास्यक बिचार नहि बदलल



हजारो द्रोपदी"दुःख हरहूँ द्वारिकानाथ"के रट लगौने छथि
आखी फारीक'देखियौंन करोड़ो पांडवक सुख-संसार नहि बदलल



सूरज नहि हम अन्हारक बिरोधी छी तें मन मे कचोट शेष अछि
पुर्निमाक रति पर"दीपक"आमावासयाक अन्हार नहि बदलल

1 टिप्पणी:

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों