गुरुवार, 21 जुलाई 2011

गजल


इ दुराचार अँहिक खूरक प्रतापे
इ भ्रष्टाचार अँहिक खूरक प्रतापे


देखू लोक पढ़ैए जान अरोपि कए
मुदा बेकार अँहिक खूरक प्रतापे


जनबल,धनबल, आरो बल-बल
इ सरकार अँहिक खूरक प्रतापे


इद्दुत-विद्दुत सभटा फेल की कहू
भेल अन्हार अँहिक खूरक प्रतापे


हाथ मिलाउ, छाती लगाउ तैओ सभ
अनचिन्हार अँहिक खूरक प्रतापे





**** वर्ण---------14******

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों