भेष हुनक भगवान सन
काज तँ हुनक सैतान सन
बेटा बला के तँ पंडित बुझू
बेटी बला तँ जजमान सन
मँहगाइ बढ़ल छै तेना ने
कोबरो तँ झूरझमान सन
देहे जिंदा,भावना मरि गेलै
जग लगैए समसान सन
नहि बनत केओ राम मुदा
सेवक चाही हनुमान सन
*** वर्ण---------11********
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