अनचिन्हार आखर
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शेर जे सभ दिन शेर रहतै
सोमवार, 4 जुलाई 2011
रुबाइ
हुनकर घाम सँ फूलो गमकि गेल
हुनकर रुप देखि बिजुरी चमकि गेल
आइ तँ निकलि गेल छल हमर प्राण
हुनकर जौबन देखि देह मे अटकि गेल
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