शनिवार, 23 जुलाई 2011

गजल

जिनगी सदिखन हमर बेराम चलैए

केखनो अराम तँ केखनो हराम चलैए


अधरतिआ मे देखबै केखनो अनचोके

चुड़ैले जकाँ तँ उन्टा हमर गाम चलैए


आब तँ तरबा बचि जाइत छै सदिखन

बाट पर सदिखन जुत्ता-खराम चलैए


रामक आदर्श तँ मरि गेल हुनके संगे

बुझू आब तँ खाली हुनक नाम चलैए


चिन्हार तँ बिलमि जाइए चिन्हारक संग

देखू अनचिन्हार मुदा अविराम चलैए





**** वर्ण---------16******

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों