मंगलवार, 19 जुलाई 2011

गजल

आबो परबोध करु

अपने विरोध करु


लोक तँ बढ़त आगाँ

अहाँ अवरोध करु


धनी बनि जाए धनी

एहने तँ शोध करु


बहर नै गजल नै

इ आबो तँ बोध करु


आएत अनचिन्हार

अहाँ अनुरोध करु


**** वर्ण---------8********

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों