गुरुवार, 28 जुलाई 2011

गजल

मोन पड़ैए केओ अनचिन्हार सन

साइत कहीं इएह ने हो प्यार सन


जे नै कमा सकए टका बेसी सँ बेसी

लोक तँ ओकरे बुझै छै बेकार सन


समय कहाँ कहिओ खराप भेलैए

कमजोर के लगिते छै अन्हार सन


किछु तँ देखाएल चोके-अनचोके मे

चोरे तँ बुझाइए पहरेदार सन


संग रहबै-छोड़बै तँ फरक देखू

बालु जकाँ समस्या पहाड़ सन





**** वर्ण---------14*******

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों