मंगलवार, 26 जुलाई 2011

गजल

गोली-बम सँ डेराएल अछि मनुख सँ हेमान धरि

जानवर तँ जानवर भगवत्ती सँ भगवान धरि


नीकक लेल सोहर तँ खरापक लेल समदाउन

गाबिए रहल गबैआ सोइरी सँ असमसान धरि


इ समालोचना केकरा कहैछ छैन्ह किनको बूझल

पढ़ू, अछि सगरो पसरल निन्दा सँ गुणगान धरि


राम नामक लूटि थिक लूटि सकी तँ लूटू सदिखन

लूटि रहल छथि दक्षिणा पंडित सँ जजमान धरि


सदिखन पसरि रहल पसाही सगरो कोने-कोन

घृणा-द्वेष-तामस क्रिसमस-होली सँ रमजान धरि



**** वर्ण---------20*******


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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों