स्थापित सम्मान " गजल कमला-कोशी-बागमती-महानंदा" सम्मानक पहिल चरण ( मास
दिसम्बर लेल ) पूरा भए गेल अछि। मास दिसम्बरक लेल श्रीमती इरा मल्लिक जीक
एहि रचना के चयन कएल गेलैन्हि अछि। हुनका बधाइ
बाट जाम होय कि मगज विकास रुकबे करत
बेइमान हो नेता ते, देश के नैया डूबबे करत
पूँजीपति हो लालची, चोर धनबटोर सूदखोर
विकराल मँहगाइ ते आसमान छुबबे करत
भूख सँ बिलबिलाइत अछि बाल बच्चा वृध्दजन,
अइ सरकार के थूका फजीहत करबे करत
बढ़ैत जनसँख्या सँ त्रस्त अछि, सौँसे सँसार आइ,
बेरोजगारीक मारि सँ,लाचार तँ होबहे पड़त
जहि देश मेँ होय एकता,अखँडताक दिव्यमँत्र,
ओते सुख शाँति समृध्दि के.त्रिवेणी बहबे करत
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