एक मास एक दिनकेँ बाद वेलेन्टाइन डे आएत। हमर शेरो-शाइरी लिखबाक इहो उद्येश्य अछि जे प्रेमी-प्रेमिका मैथिली शेरकेँ माध्यमें प्रेमकेँ स्वीकार करथि। तँ प्रस्तुत अछि मैथिलीएकटा बन्द जे शायद मैथिलीक पहिल बन्द हएत। ओना इ पाँति सभ अरबी बन्दकेँ लक्षण पर प नै आएत मुदा हमरा उम्मेद अछि जे आरो लोक सभ नीक बन्द लिखता। तँ कल्पना करू वेलेन्टाइन डे केर--------
पहिने जोड़ू सए कमलकेँ
तैमे जोड़ू हजार गुलाब
तकरा बाद जे बनि जाएत
से निशानी हएत प्यारकेँ
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