सोमवार, 30 जनवरी 2012

गजल



मिथिलाक पाहून भगवान श्रीराम छै
जग में सब सं सुन्दर मिथिलाधाम छै

मिथिलाक मईट सं अवतरित सीता
जग में सब सं सुन्दर हुनक नाम छै

मिथिलाक शान बढौलन महा विद्द्वान
कवी कोकिल विद्यापति हुनक नाम छै

भS जाएत अछि सम्पूर्ण पाप तिरोहित
मिथिला एकटा पतित पावन धाम छै

भेटत नै एहन अनुपम अनुराग
प्रेम परागक कस्तूरी मिथिलाधाम छै

घुमु अमेरिका अफ्रीका लन्दन जापान
जग में नै कोनो दोसर मिथिलाधाम छै

मिथिला महातम एकबेर पढ़ी जनु
मिथिला सं पैघ नै कोनो दोसर धाम छै

जतय भेटत कमला कोशी बलहान
अयाचिक दलान,वही मिथिलाधाम छै

गौतम कपिल कणाद मंडन महान
प्रखर विद्द्वान सभक मिथिलाधाम छै
.
ऋषि मुनि तपश्वी तपोभूमि अहिठाम छै
"प्रभात"क गाम महान मिथिलाधाम छै


.............वर्ण:-१५...........
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों