शनिवार, 21 जनवरी 2012

गजल

देह-हाथ, मूँह-कान कमाल थिक बाबू
बीसम चढ़ैत छौंड़ी बबाल थिक बाबू

चुभकैत रहू उत्तर केर पोखरिमे
बेरोजगारी बड़का सवाल थिक बाबू

अहाँ कतबो करबै इ नारी आरक्षण
बेटी एखनो मोनक जपाल थिक बाबू

इ जे दिनक परेशानी रातुक बैचेनी
इ तँ केकरो आँखिक उत्फाल थिक बाबू

इ खालिओमे सैतान भरलोमे सैतान
पेट सभसँ बड़का मताल थिक बाबू



सरल वार्णिक बहर --- हरेक पाँतिमे 15 अक्षर|

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों