मंगलवार, 26 फ़रवरी 2013

गजल

गजल-1.48

फेर एलै मधुमास साल भरि बाद
प्रीतकेँ जागल आश साल भरि बाद

पीब मधुकर रस गीत विपिनमे गाबि
सहि रहल पुष्पक पाश साल भरि बाद

माँगिते भेटत नै समुचित अधिकार
छीन लिअ सब निज चास साल भरि बाद

वायु बहलै मातल सगर नगर गाम
भरल ऊर्जा नव साँस साल भरि बाद

आबि होली नव रंग संग पाहुनक
फेर हेतै परिहास साल भरि बाद

घैलमे सागर भरि तँ नै सकब "अमित"
मोनमे भरि लिअ भास साल भरि बाद

2122-2212-1221
अमित मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों