गजल-1.50
उनटा धार बहल जगमे
वर्फसँ धाह उठल जगमे
विधना बाम एहि युगमे
तेँ परमाणु बनल जगमे
अगिनपथक पथिक रहल छी
बड अवरोध रचल जगमे
टाका जान लैत रहलै
घेंटक घेघ बनल जगमे
हल्लुक वेवहार सबकें
नै छै मोन कहल जगमे
प्रीतम बनल कलम एखन
प्रीतक गजल लिखल जगमे
2221-2122
मफऊलातु-फाइलातुन
अमित मिश्र
उनटा धार बहल जगमे
वर्फसँ धाह उठल जगमे
विधना बाम एहि युगमे
तेँ परमाणु बनल जगमे
अगिनपथक पथिक रहल छी
बड अवरोध रचल जगमे
टाका जान लैत रहलै
घेंटक घेघ बनल जगमे
हल्लुक वेवहार सबकें
नै छै मोन कहल जगमे
प्रीतम बनल कलम एखन
प्रीतक गजल लिखल जगमे
2221-2122
मफऊलातु-फाइलातुन
अमित मिश्र
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