मंगलवार, 26 फ़रवरी 2013

बाल गजल

बाल गजल-1

चान आ तरेगण दोस हमर छै
जागि रहल किए राति सगर छै

बाबी सुनौलक परी रानीकेँ खिस्सा
उड़ैत हमर छतकेँ ऊपर छै

बाबू जी आनलनि एकटा मोबाईल
गप्प करबै कोना सब शहर छै

जाकऽ असगर हम घुमितौं मेला
कहलक माए ई छोट उमर छै

पढ़ौलक स्कूलमे धरती गोल छै
देखहीं बात ई झूठ ओकर छै

वर्ण-13
सुमित मिश्र
करियन ,समस्तीपुर

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों