रुबाइ-162
ने नोर खसि रहल ने हँसी फूटि रहल
आँखिक सामने जखनसँ घर टूटि रहल
देखैत देखैत बताह भेल छै मोन
आतंकक छाह तऽर यदि बम फूटि रहल
ने नोर खसि रहल ने हँसी फूटि रहल
आँखिक सामने जखनसँ घर टूटि रहल
देखैत देखैत बताह भेल छै मोन
आतंकक छाह तऽर यदि बम फूटि रहल
बहतरीन प्रस्तुति बहुत उम्दा ..भाव पूर्ण रचना .. बहुत खूब
जवाब देंहटाएंआज की मेरी नई रचना जो आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही है
ये कैसी मोहब्बत है
खुशबू