हमर घरक भीत लाईग छोट सन बाट
बाटक ध कगनी हुनक ताकि हम बाट
चान सुरुज देखि देखि घोर भेल नैना
जिनगीक चान आई उगती ई बाट
हसोथब कोना हुनक रूपक इजोत के
टहाटही अभरत आई इजोर ई बाट
हमरे सन हुनको भेल हेतैन धकमकी
देखि देखि इ सब मुसुकी देत ई बाट
हुनके गछेर हम कह्बैन निजगुत
जरे जरे काटब जिनगीक ई बाट
स स्नेह -विकाश "मैथिल"
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रविवार, 6 नवंबर 2011
गजल
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विकाश झा "रंजन "
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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
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