मंगलवार, 15 नवंबर 2011

गजल

मोन पर आब लगाम नई कसल जाइए
देख समाजक दुर्दशा नोर ख़सल जाइए

कोशी बागमती ओ कमला तीनू जे छैथि क्रुद्ध
हुनक उन्मादे आई मिथिला बहल जाइए

सौन भादो बरखा भुतियाएल गामक बाट
जॅटा जटीन के प्रभाव आब ख़सल जाइए

बेगारी मे बैसल तास फेटैत नवयुवक
गामक जवान सब नशा मे फ़सल जाइए

लोभ तृष्णा द्वेषक थाल मे धसल ई समाज
हिनक दहेज माया मे बेटी जरल जाइए

--वर्ण - १७ --

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों