शुक्रवार, 25 नवंबर 2011

गजल



नित पूछै छै किछ सवाल इ जिनगी।
करै सदिखन नब ताल इ जिनगी।

कखनो बनि दुखक घुप्प अन्हरिया,
लागै मारि सँ फूलल गाल इ जिनगी।

सुखक राग कखनो सुनाबै एना केँ,
रंगल बनि कतेक लाल इ जिनगी।

कहै जिनगी होइत छै जीबैक नाम,
ककरो लेल होइ ए काल इ जिनगी।

जिनगी केँ बूझै मे "ओम" ओझरायल,
जतबा बूझलौं लागै जाल इ जिनगी।
------------- वर्ण १४ -------------

ई गजल " मिथिला-दर्शन" केर अंक मार्च-अप्रैल २०१२मे प्रकाशित भेल।

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों