सोमवार, 28 नवंबर 2011

गजल


लोक कहइये नाम हमर अहाँ लैत रहे छी

हम तं अपने दर्द में ओझरायल रहैत छी

... हम नै नुकायल नै घबरायल रहैत छी
कियेक सोचक दोग मे अहाँ भासियेल रहैत छी

अहाँ मोन पाडलों ते हमरा यादि भ गेल
कियक हम सदिखन ओनायल रहै छी

छीन लेलों हमर ठोरक हंसी सभटा
केकरो कहाँ सँ अहाँ किएक बतियैत रहैत छी

के हमरा लेल बेकल, के बाट जोहै छैथ
तैयो अहाँ से मिलय ले बौआयल रहैत छी

अहाँ मानु नै मानु मुदा साँच तं इ 'भावना'
हम जिनगी से बढ़ी अहाँ सँ पियार केने छी !!

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों