अंकित छैथ एहि दिल में,चित्र कोना मेटाबी हम !
मुरझा क दिलक कली चैल गेलैथ बहार जकां
फेरो एहि बगिया में हुनका कोना बजाबी हम !
जिनगी क प्रार्थना में हुनका रखलों सदिखन
की की जुलूम ओ केलैथ से कोना बताबी हम !
साँस, खियाल आ सपना सभ टा ते हुनके अछप्रेमक रस्म अहिं कहू असगर कोना निभाबी हम !
उठल हूक करेज में आंखि नोर से हमर भरि गेल
"भावना" टूटल हृदयक ककरो कोना देखाबी हम !!
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