गुरुवार, 24 नवंबर 2011

गजल

बैसल छैथ हृदय में हुनका कोना बिसराबी हम
अंकित छैथ एहि दिल में,चित्र कोना मेटाबी हम !

मुरझा क दिलक कली चैल गेलैथ बहार जकां
फेरो एहि बगिया में हुनका कोना बजाबी हम !

जिनगी क प्रार्थना में हुनका रखलों सदिखन
की की जुलूम ओ केलैथ से कोना बताबी हम !

साँस, खियाल आ सपना सभ टा ते हुनके अछ
प्रेमक रस्म अहिं कहू असगर कोना निभाबी हम !

उठल हूक करेज में आंखि नोर से हमर भरि गेल
"भावना" टूटल हृदयक ककरो कोना देखाबी हम !!

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों